mukesh 002 MARYADA = ZUBAN PE DARD BHARI Lyrics

जुबां पे दर्द भरी दास्ताँ चली आयी (२)
बहार आने से पहले खिजा चली आयी
जुबां पे दर्द भरी दास्ताँ चली आयी

खुशी की चाह में मैने उठाएँ रंज बडे (२)
मेरा नसीब के मेरे कदम जहाँ भी पडे
येह बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आयी
जुबां पे दर्द भरी दास्ताँ चली आयी

उदास रात है विरान दील कि महेफ़िल है (२)
ना हमसफ़र है कोई और ना कोई मंज़िल है
येह जिन्दगी मुझे लेकर कहाँ चली आयी

जुबां पे दर्द भरी दास्ताँ चली आयी
बहार आने से पहले खिजा चली आयी
जुबां पे दर्द भरी दास्ताँ चली आयी

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